Protocol क्या है और इसके types

  नमस्कार दोस्तों! क्या आप जानते हैं कि आप जब भी इंटरनेट पर कोई वेबसाइट खोलते हैं, मैसेज भेजते हैं या फिर ईमेल चेक करते हैं, तब आप कई तरह के प्रोटोकॉल का इस्तेमाल कर रहे होते हैं? आज हम ...

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नमस्कार दोस्तों! क्या आप जानते हैं कि आप जब भी इंटरनेट पर कोई वेबसाइट खोलते हैं, मैसेज भेजते हैं या फिर ईमेल चेक करते हैं, तब आप कई तरह के प्रोटोकॉल का इस्तेमाल कर रहे होते हैं? आज हम इस लेख में आपको प्रोटोकॉल के बारे में विस्तार से बताएँगे। आप यहां जानेंगे कि प्रोटोकॉल क्या है, यह कैसे काम करता है और इसके कौन-कौन से प्रकार हैं। आइए बिना समय गंवाए शुरू करते हैं।

प्रोटोकॉल क्या है और यह कैसे काम करता है?

सरल शब्दों में कहें तो, प्रोटोकॉल नियमों का एक ऐसा समूह है जिसका इस्तेमाल कंप्यूटर या डिवाइस के बीच डेटा को भेजने और प्राप्त करने के लिए किया जाता है। यह बिल्कुल वैसे ही है जैसे हमारे समाज में बातचीत के कुछ नियम होते हैं – जैसे अभिवादन करना, एक-दूसरे को सुनना, और फिर जवाब देना।

आप ऐसे सोचिए कि प्रोटोकॉल एक भाषा की तरह है जिसके माध्यम से कंप्यूटर आपस में बात करते हैं। यदि दो कंप्यूटर एक ही प्रोटोकॉल का उपयोग करते हैं, तो वे बिना किसी समस्या के एक-दूसरे के साथ संवाद कर सकते हैं।

क्या आप जानते हैं?

बिना प्रोटोकॉल के इंटरनेट का इस्तेमाल करना नामुमकिन होगा। आप जब भी कोई वेबसाइट खोलते हैं, तो HTTP या HTTPS प्रोटोकॉल का उपयोग करते हैं। आप ईमेल भेजते समय SMTP और POP प्रोटोकॉल का इस्तेमाल करते हैं।

Protocol important element क्या हैं

प्रोटोकॉल के कार्य करने के लिए कुछ आवश्यक तत्व होते हैं:

  1. सिंटैक्स (Syntax): यह बताता है कि डेटा को किस प्रारूप में भेजा जाना चाहिए।
  2. सिमेंटिक्स (Semantics): यह बताता है कि किस प्रकार के नियंत्रण जानकारी का आदान-प्रदान किया जाना चाहिए।
  3. टाइमिंग (Timing): यह बताता है कि डेटा के प्रवाह की गति क्या होनी चाहिए।

Protocol के types क्या हैं

आइए अब हम प्रोटोकॉल के मुख्य प्रकारों के बारे में जानते हैं और समझते हैं कि आप इन्हें अपने दैनिक जीवन में कैसे उपयोग करते हैं।

1. TCP (Transmission control protocol) 

TCP का पूरा नाम Transmission Control Protocol है। यह एक ऐसा प्रोटोकॉल है जो IP (इंटरनेट प्रोटोकॉल) के साथ मिलकर काम करता है।

TCP कैसे काम करता है?

जब आप इंटरनेट पर कोई ईमेल भेजते हैं या फिर कोई फाइल डाउनलोड करते हैं, तब TCP आपके डेटा को छोटे-छोटे पैकेट में बांटकर उन्हें मंजिल तक पहुंचाता है। इसकी खास बात यह है कि यह सुनिश्चित करता है कि आपका सभी डेटा सही तरीके से और सही क्रम में पहुंचे।

TCP के benefits

यह एक विश्वसनीय प्रोटोकॉल है जो सुनिश्चित करता है कि आपका डेटा बिना किसी नुकसान के पहुंचे।

  • इसमें डेटा के प्रवाह को नियंत्रित किया जा सकता है।
  • यह एक ही समय में डेटा को दोनों दिशाओं में भेज सकता है।

TCP के disadvantages

यह छोटे नेटवर्क के लिए उपयुक्त नहीं है।

  • यह नेटवर्क की गति को धीमा कर सकता है।
  • यह ब्लूटूथ कनेक्शन के साथ काम नहीं कर सकता है।

2. IP (Internet protocol) – Internet की रीढ़

IP का पूरा नाम Internet Protocol है। यह एक ऐसा प्रोटोकॉल है जो इंटरनेट पर संचार और डेटा ट्रांसफर को नियंत्रित करता है।

IP कैसे काम करता है?

IP प्रोटोकॉल इंटरनेट पर डेटा भेजने के लिए पते (Address) का इस्तेमाल करता है। हर डिवाइस को एक अनूठा IP एड्रेस दिया जाता है, जो उसकी पहचान बनता है। जब आप किसी वेबसाइट पर जाते हैं, तो आपका कंप्यूटर उस वेबसाइट के IP एड्रेस पर डेटा भेजता है।

IP के Advantages

  • इसका उपयोग किसी भी व्यक्ति या संगठन द्वारा किया जा सकता है।
  • यह स्केलेबल है, यानी इसे बड़े नेटवर्क पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • यह विभिन्न प्रकार के कंप्यूटर नेटवर्क को स्थापित करने में मदद करता है।

IP के नुकसान

  • यह एक जटिल प्रोटोकॉल है जिसे स्थापित करना कठिन हो सकता है।
  • इसे प्रबंधित करना आसान नहीं है।
  • यह छोटे नेटवर्क के लिए उपयुक्त नहीं है।

3. UDP (User dataprogram protocol) 

UDP का पूरा नाम User Datagram Protocol है। यह एक ऐसा प्रोटोकॉल है जो TCP की तुलना में कम विश्वसनीय होता है लेकिन तेज़ी से डेटा भेजता है।

UDP कैसे काम करता है?

UDP में डेटा भेजने से पहले कनेक्शन स्थापित करने की जरूरत नहीं होती। इसलिए यह बहुत तेज़ी से काम करता है। हालांकि, इसमें गारंटी नहीं होती कि डेटा सही तरीके से पहुंचेगा या नहीं।

आप कब UDP का उपयोग करते हैं?

जब आप ऑनलाइन गेम खेलते हैं या वीडियो स्ट्रीमिंग करते हैं, तब आप UDP का इस्तेमाल कर रहे होते हैं। इन कार्यों में थोड़ा बहुत डेटा लॉस होने से कोई बड़ा फर्क नहीं पड़ता, लेकिन स्पीड जरूरी होती है।

UDP के Advantages

यह बहुत तेज़ गति से काम करता है।

  • इसमें कनेक्शन स्थापित करने की जरूरत नहीं होती।
  • यह मल्टीकास्टिंग के लिए उपयुक्त है।

UDP के Disadvantages

यह TCP की तुलना में कम विश्वसनीय है।

  • इसमें त्रुटि का पता लगाना मुश्किल होता है।
  • यह एरर कंट्रोल का उपयोग नहीं कर सकता।

4. POP (Post office protocol) 

POP का पूरा नाम Post Office Protocol है। यह एक ऐसा प्रोटोकॉल है जिसका इस्तेमाल ईमेल भेजने और प्राप्त करने के लिए किया जाता है।

POP कैसे काम करता है?

जब आप अपने कंप्यूटर पर ईमेल चेक करते हैं, तो POP आपके ईमेल क्लाइंट (जैसे Microsoft Outlook) को सर्वर से ईमेल डाउनलोड करने में मदद करता है। एक बार ईमेल डाउनलोड हो जाने के बाद, आप बिना इंटरनेट कनेक्शन के भी अपने ईमेल पढ़ सकते हैं।

POP के Advantages

इसमें आप ऑफलाइन रहकर भी ईमेल पढ़ सकते हैं।

  • इसका उपयोग करना आसान है।
  • इसे कॉन्फिगर करना सरल है।

POP के disadvantages

सर्वर से ईमेल डाउनलोड होने के बाद, सर्वर से ईमेल हट जाते हैं।

  • इसमें मेल फोल्डर को एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में ट्रांसफर करना मुश्किल होता है।
  • इसमें वायरस फैलने का खतरा रहता है।

5. SMTP (Simple mail tranfer protocol)

SMTP का पूरा नाम Simple Mail Transfer Protocol है। यह एक ऐसा प्रोटोकॉल है जिसका उपयोग इंटरनेट पर ईमेल भेजने के लिए किया जाता है।

SMTP कैसे काम करता है?

जब आप किसी को ईमेल भेजते हैं, तो SMTP आपके ईमेल को आपके कंप्यूटर से प्राप्तकर्ता के ईमेल सर्वर तक पहुंचाने का काम करता है। यह एक तरह से पोस्टमैन की तरह काम करता है जो आपके संदेश को सही जगह पर पहुंचाता है।

SMTP के benefits

  • इससे आप एक या एक से अधिक लोगों को ईमेल भेज सकते हैं।
  • इसमें सभी प्रकार के फॉर्मेट में डेटा भेजा जा सकता है।

SMTP के Disadvantages

यह प्रोटोकॉल कम सुरक्षित हो सकता है।

  • इसमें मैसेज भेजने में ज्यादा समय लग सकता है।

6. FTP (File transfer protocol) 

FTP का पूरा नाम File Transfer Protocol है। यह एक ऐसा प्रोटोकॉल है जिसका उपयोग फाइलों को एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है।

आप कब FTP का use करते हैं?

जब आप किसी वेबसाइट पर फाइल अपलोड करते हैं या किसी सर्वर से फाइल डाउनलोड करते हैं, तब आप FTP का इस्तेमाल कर रहे होते हैं।

FTP के Advantages

  • यह फाइलों को तेज गति से ट्रांसफर कर सकता है।
  • इसका उपयोग करना आसान है।
  • यह बड़ी फाइलों को ट्रांसफर करने में सक्षम है।

FTP के Disadvantages

यह फाइलों को ट्रांसफर करते समय एन्क्रिप्शन की सुविधा प्रदान नहीं करता।

  • इसमें त्रुटि को पहचानना मुश्किल होता है।
  • इसमें वायरस को स्कैन करना कठिन होता है।

7. HTTP (Hyper text transfer protocol) 

HTTP का पूरा नाम Hyper Text Transfer Protocol है। यह एक ऐसा प्रोटोकॉल है जिसका उपयोग वर्ल्ड वाइड वेब (WWW) पर डेटा को एक्सेस करने के लिए किया जाता है।

HTTP कैसे काम करता है?

जब आप किसी वेबसाइट का URL टाइप करते हैं, तब आपका ब्राउज़र HTTP का इस्तेमाल करके वेब सर्वर से डेटा मांगता है। सर्वर फिर आपके ब्राउज़र को वह डेटा भेजता है जिससे आप वेबसाइट देख पाते हैं।

HTTP के Advantages

यह एक लचीला प्रोटोकॉल है।

  • यह कम CPU मेमोरी का उपयोग करता है।
  • यह एक तेज प्रोटोकॉल है।

HTTP के Disadvantages

  • यह डेटा को सुरक्षित तरीके से ट्रांसफर नहीं करता।
  • यह SEO फ्रेंडली नहीं होता।
  • यह मोबाइल के लिए उपयुक्त नहीं होता।

8. HTTPS (Hypertext Transfer Protocol Secure) –

HTTPS का पूरा नाम Hyper Text Transfer Protocol Secure है। यह HTTP का एक सुरक्षित संस्करण है जिसमें डेटा एन्क्रिप्टेड होता है।

HTTPS कैसे काम करता है?

HTTPS HTTP की तरह ही काम करता है, लेकिन इसमें एक अतिरिक्त सुरक्षा परत जोड़ी जाती है। इसके माध्यम से भेजा गया सभी डेटा एन्क्रिप्टेड होता है, जिससे हैकर्स इसे चुरा नहीं सकते।

आप कब HTTPS का उपयोग करते हैं?

जब आप ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं, बैंकिंग करते हैं या कोई ऐसी जानकारी भरते हैं जिसे सुरक्षित रखना चाहते हैं, तब आप HTTPS का इस्तेमाल कर रहे होते हैं।

HTTPS के advantages

  • यह काफी सुरक्षित प्रोटोकॉल है।
  • यह SEO फ्रेंडली होता है।
  • यह यूजर को अधिक सुरक्षा प्रदान करता है।

HTTPS के Disadvantages

यह HTTP की तुलना में अधिक सर्वर संसाधनों का उपयोग करता है।

  • इसमें कैश के रूप में डेटा चुराया जा सकता है।

9. Telnet (terminal network)

Telnet का पूरा नाम Terminal Network है। यह एक ऐसा प्रोटोकॉल है जो लोकल कंप्यूटर को अन्य कंप्यूटर के साथ कनेक्ट करने में मदद करता है।

Telnet कैसे काम करता है?

Telnet क्लाइंट/सर्वर सिद्धांत पर काम करता है। इसका उपयोग करके आप अपने कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर को रिमोट एक्सेस कर सकते हैं।

Telnet के Advantages

  • इससे बहुत सारे रिसोर्सेज को एक्सेस किया जा सकता है।
  • इससे आप मुफ्त में इंटरनेट शतरंज सर्वर का उपयोग कर सकते हैं।

Telnet के Disavantages

इसमें केवल कुछ ही सर्वर को एक्सेस किया जा सकता है।

  • यह कम सुरक्षित होता है।

10. Gopher  – Medium of access to documents

Gopher एक एप्लिकेशन-लेयर प्रोटोकॉल है। इसका उपयोग वेब सर्वर पर स्टोर किए गए दस्तावेज़ों को एक्सेस करने के लिए किया जाता है।

Gopher कैसे काम करता है?

Gopher अलग-अलग साइटों से दस्तावेज़ों को खोजने, पुनर्प्राप्त करने और डिस्प्ले करने में मदद करता है। यह एक तरह से सर्च इंजन की तरह काम करता है।

Gopher के advantages

यह एक सरल प्रोटोकॉल है।

  • इसमें नेविगेट करना आसान है।

Gopher के disadvantages

इसमें एक ही स्क्रीन पर ग्राफिक्स और टेक्स्ट को मिक्स नहीं कर सकते।

  • इसका उपयोग करने वाले यूजर HTML को नहीं देख सकते।

What is the importance of protocols?

आज के डिजिटल युग में प्रोटोकॉल का महत्व अत्यधिक बढ़ गया है। यहां कुछ कारण बताए गए हैं कि प्रोटोकॉल क्यों महत्वपूर्ण हैं:

  1. डेटा ट्रांसफर: प्रोटोकॉल के बिना, एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस तक डेटा भेजना संभव नहीं होगा।
  2. सुरक्षा: HTTPS जैसे प्रोटोकॉल हमारे डेटा को सुरक्षित रखते हैं और हैकिंग से बचाते हैं।
  3. स्पीड: UDP जैसे प्रोटोकॉल हमें तेज़ गति से डेटा ट्रांसफर करने की सुविधा देते हैं।
  4. विश्वसनीयता: TCP जैसे प्रोटोकॉल यह सुनिश्चित करते हैं कि हमारा डेटा सही तरीके से पहुंचे।

How to apply the protocol 

यदि आप अपने नेटवर्क में प्रोटोकॉल को अप्लाई करना चाहते हैं, तो यहां कुछ सामान्य चरण दिए गए हैं:

1. अपनी requirments को समझें

सबसे पहले, आपको यह तय करना होगा कि आपको किस प्रकार के प्रोटोकॉल की आवश्यकता है। क्या आपको डेटा की सुरक्षा चाहिए? या फिर स्पीड महत्वपूर्ण है?

2. right protocol चुनें

अपनी आवश्यकताओं के आधार पर, सही प्रोटोकॉल का चयन करें। उदाहरण के लिए, यदि आप वेबसाइट बना रहे हैं, तो HTTPS का उपयोग करें।

3. Software setup करें

आपके द्वारा चुने गए प्रोटोकॉल के लिए आवश्यक सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करें और कॉन्फिगर करें।

4. Testing करें

अपने सेटअप का परीक्षण करें और सुनिश्चित करें कि यह सही तरीके से काम कर रहा है।

5. Monitoring और Maintanence

अपने नेटवर्क की निगरानी करें और यह सुनिश्चित करें कि प्रोटोकॉल सही तरीके से काम कर रहे हैं।

FAQ

प्रोटोकॉल और पोर्ट में क्या अंतर है?

प्रोटोकॉल नियमों का समूह है जो डेटा ट्रांसफर को नियंत्रित करता है, जबकि पोर्ट एक विशिष्ट संख्या है जो कंप्यूटर में एक विशेष सेवा या एप्लिकेशन को इंगित करती है।

क्या एक ही समय में कई प्रोटोकॉल का उपयोग किया जा सकता है?

हां, आप एक ही समय में कई प्रोटोकॉल का उपयोग कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, जब आप वेब ब्राउज़िंग करते हैं, तो आप HTTP/HTTPS, TCP, और IP का उपयोग कर रहे होते हैं।

क्या प्रोटोकॉल हमेशा सुरक्षित होते हैं?

नहीं, सभी प्रोटोकॉल सुरक्षित नहीं होते। कुछ प्रोटोकॉल, जैसे HTTPS और SFTP, डेटा को एन्क्रिप्ट करके सुरक्षित रखते हैं, जबकि अन्य, जैसे HTTP और FTP, ऐसा नहीं करते।

क्या मोबाइल फोन भी प्रोटोकॉल का उपयोग करते हैं?

हां, मोबाइल फोन भी विभिन्न प्रोटोकॉल का उपयोग करते हैं। जब आप मोबाइल पर इंटरनेट ब्राउज़ करते हैं, तो आप HTTP/HTTPS का उपयोग कर रहे होते हैं। जब आप मैसेज भेजते हैं, तो SMS प्रोटोकॉल का उपयोग करते हैं।

क्या आप अपना खुद का प्रोटोकॉल बना सकते हैं?

हां, यदि आपके पास आवश्यक तकनीकी ज्ञान है, तो आप अपना खुद का प्रोटोकॉल बना सकते हैं। हालांकि, इसके लिए नेटवर्किंग और कंप्यूटर साइंस की गहरी समझ की आवश्यकता होती है।

 

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